Friday, 5 December 2014

होके मजबूर मुझे उसने भुलाया होगा

होके मजबूर मुझे उसने भुलाया होगा
ज़हर चुपके से दवां जानके खाया होगा

दिल ने ऐसे भी कुछ अफ़साने सुनाये होंगे
अश्क़ आँखोंने पिये और ना बहाये होंगे
बंद कमरे में जो खत मेरे जलाये होंगे
एक एक हर्फ़ जबीन पर उभर आया होगा

उसने घबराके नज़र लाख बचाई होगी
दिल की लूटती हुयी दुनियाँ नज़र आयी होगी
मेज़ से जब मेरी तस्वीर हटाई होगी
हर तरफ मुझको तडपता हुआ पाया होगा

छेड़ की बात पे अरमां मचल आये होंगे
ग़म दिखावे की हँसी में उबल आये होंगे
नाम पर मेरे जब आँसू निकल आये होंगे
सर ना काँधे से सहेली के उठाया होगा

जुल्फ़ ज़िद करके किसी ने जो बनाई होगी
और भी ग़म की घटा मुखड़े पे छाई होगी
बिजली नजरों ने कई दिन ना गिराई होगी
रंग चेहरे पे कई रोज़ ना आया होगा

फिल्म : हकीकत (१९६४)
गीतकार : कैफी आझमी 
संगीतकार : मदन मोहन
गायक : मोहम्मद रफी, मन्ना डे, तलत मेहमूद, भूपिंदर   
Movie : Haqeeqat (1964) 
Lyricist : Kaifi Azami 
Music Director : Madan mohan
Singer :Mohammad Rafi - Manna Dey - Talat Mehmmod - Bhupinder  

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