Sunday, 14 December 2014

पंछी बनूँ उड़ती फिरूं मस्त गगन में

पंछी बनूँ उड़ती फिरूं मस्त गगन में
आज मैं आज़ाद हूँ दुनिया के चमन में

हिल्लोरी... हिल्लोरी...

ओ मेरे जीवन में चमका सवेरा
ओ मिटा दिल से वो गम का अन्धेरा
ओ हरे खेतों में गाए कोई लहरा
ओ यहाँ दिल पर किसी का न पहरा
रंग बहारों ने भरा मेरे जीवन में
आज मैं आज़ाद हूँ दुनिया के चमन में
पंछी बनूँ उड़ती फिरूं...

ओ दिल ये चाहे बहारों से खेलूं
ओ गोरी नदिया की धारों से खेलूं
ओ चाँद सूरज सितारों से खेलूं
ओ अपनी बाहों में आकाश ले लूं
बढ़ती चलूँ गाती चलूँ अपनी लगन में
आज मैं आज़ाद हूँ दुनिया के चमन में
पंछी बनूँ उड़ती फिरूं...

हिल्लोरी... हिल्लोरी...

ओ मैं तो ओढूँगी बादल का आँचल
ओ मैं तो पहनूंगी बिजली की पायल
ओ छीन लूंगी घटाओं से काजल
ओ मेरा जीवन है नदिया की हलचल
दिल से मेरे लहरें उठे ठंडी पवन में
आज मैं आज़ाद हूँ दुनिया के चमन में
पंछी बनूँ उड़ती फिरूं...

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फिल्म : चोरी चोरी (1956)
गीतकार : हसरत जयपुरी
संगीतकार : शंकर-जयकिशन
गायक  लता मंगेशकर
Movie : Chori-Chori (1968)
Lyricist : Hasrat Jaipuri
Music Director : Shankar-Jaykishan
Singer : Lata Mangeshkar

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