Friday, 5 December 2014

चलो एक बार फिर से, अजनबी बन जायें हम दोनों

चलो एक बार फिर से, अजनबी बन जायें हम दोनों

न मैं तुम से कोई उम्मीद रक्खूँ दिलनवाज़ी की
न तुम मेरी तरफ देखो, ग़लत अंदाज़ नज़रों से
न मेरे दिल की धड़कन लड़खड़ाये मेरी बातों में
न जाहिर हो तुम्हारी कश्मकश का राज़ नज़रों से

तुम्हें भी कोई उलझन रोकती हैं पेशकदमी से
मुझे भी लोग कहते हैं की ये जलवे पराये हैं
मेरे हमराह भी रुसवाईयाँ हैं मेरे माज़ी की
तुम्हारे साथ अभी गुज़री हुई रातों के साये हैं

तअर्रुफ़ रोग हो जाये, तो उसको भूलना बेहतर
तअल्लुख बोझ बन जाये तो उसको तोड़ना अच्छा
वो अफ़साना जिसे अंजाम तक लाना न हो मुमकिन
उसे एक खूबसूरत मोड़ दे कर छोड़ना अच्छा

चलो एक बार फिर से, अजनबी बन जायें हम दोनों |

फिल्म - गुमराह (१९६३)
गीतकार : साहिर लुधियानवी 
संगीतकार : रवि 
गायक : महेंद्र कपूर
Movie : Gumrah (1963)
Lyricist : Saahir Ludhiyanvi 
Music Director : Ravi
Singer : Mahendra Kapoor  

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