अजीब दास्ताँ है ये, कहा शुरू कहा ख़तम
ये मंज़िले हैं कौनसी, न वो समझ सके न हम
ये रोशनी के साथ क्यों, धुँआ उठा चिराग से
ये ख्वाब देखती हूँ मैं के जग पडी हूँ ख्वाब से
मुबारके तुम्हे के तुम किसी के नूर हो गए
किसी के इतने पास हो के सब से दूर हो गए
किसी का प्यार लेके तुम नया जहां बसाओगे
ये शाम जब भी आयेगी, तुम हमको याद आओगे
फिल्म : दिल अपना और प्रीत पराई (१९६०)
गीतकार : शैलेन्द्र
संगीतकार : शंकर जयकिशन
गायक : लता मंगेशकर
Movie : Dil Apana Aur Preet Parai (1960)
Lyricist : Shailendra
Music Director : Shankar Jaikishan
Singer : Lata Mangeshkar
ये मंज़िले हैं कौनसी, न वो समझ सके न हम
ये रोशनी के साथ क्यों, धुँआ उठा चिराग से
ये ख्वाब देखती हूँ मैं के जग पडी हूँ ख्वाब से
मुबारके तुम्हे के तुम किसी के नूर हो गए
किसी के इतने पास हो के सब से दूर हो गए
किसी का प्यार लेके तुम नया जहां बसाओगे
ये शाम जब भी आयेगी, तुम हमको याद आओगे
फिल्म : दिल अपना और प्रीत पराई (१९६०)
गीतकार : शैलेन्द्र
संगीतकार : शंकर जयकिशन
गायक : लता मंगेशकर
Movie : Dil Apana Aur Preet Parai (1960)
Lyricist : Shailendra
Music Director : Shankar Jaikishan
Singer : Lata Mangeshkar
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