मेरे सामने वाली खिड़की में, एक चाँद सा मुखडा रहता है
अफसोस ये है, के वो हम से कुछ उखड़ा उखड़ा रहता है
जिस रोज से देखा है उस को, हम शमा जलाना भूल गए
दिल थाम के ऐसे बैठे है, कही आना जाना भूल गए
अब आठ पहर इन आँखों में, वो चंचल मुखडा रहता है
बरसात भी आकर चली गयी, बादल भी गरज कर बरस गए
पर उस की एक झलक को हम, ए हुस्न के मालिक तरस गए
कब प्यास बुझेगी आँखों की, दिनरात ये दुखडा रहता है |
फिल्म : पडोसन (१९६८)
गीतकार : राजेन्द्र कृष्ण
संगीतकार : राहुलदेव बर्मन
गायक : किशोर कुमार
Movie : Padosan (1968)
Lyricist : Rajendra Krishna
Music Director : Rahuldev Burman
Singer : Kishore Kumar
अफसोस ये है, के वो हम से कुछ उखड़ा उखड़ा रहता है
जिस रोज से देखा है उस को, हम शमा जलाना भूल गए
दिल थाम के ऐसे बैठे है, कही आना जाना भूल गए
अब आठ पहर इन आँखों में, वो चंचल मुखडा रहता है
बरसात भी आकर चली गयी, बादल भी गरज कर बरस गए
पर उस की एक झलक को हम, ए हुस्न के मालिक तरस गए
कब प्यास बुझेगी आँखों की, दिनरात ये दुखडा रहता है |
फिल्म : पडोसन (१९६८)
गीतकार : राजेन्द्र कृष्ण
संगीतकार : राहुलदेव बर्मन
गायक : किशोर कुमार
Movie : Padosan (1968)
Lyricist : Rajendra Krishna
Music Director : Rahuldev Burman
Singer : Kishore Kumar
No comments:
Post a Comment